कृषि विज्ञान केन्द्र ने राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबन्ध संस्थान (मैनेज), हैदराबाद के सहयोग से कृषि आदान विक्रेताओं के लिये 17 नवंम्बर को कृषि विस्तार सेवा डिप्लोमा पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर डॉ. ओ. पी. यादव, निदेशक (काजरी), श्री जीतेन्द्र सिंह शक्तावत, उपनिदेशक (कृषि), श्री माधो सिंह चम्पावत, सहायक निदेशक (उद्यान), डॉ. ए. के. शुक्ल, अध्यक्ष (आर.आर.एस., काजरी, पाली) एवं डॉ. डी. एस. भाटी, कार्यक्रम समन्वयक तथा डॉ. धीरज सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र, पाली उपस्थित रहे। इसमें पाली जिले के समस्त पंचायत समितियों के 40 कृषि आदान विक्रेताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. ओ.पी. यादव ने कहा कि नैतिकता बिना व्यापार अपराध तुल्य है। उन्होंने कहा कि किसान बीज, खाद, दवाई आदि खरीदने के लिये आपके पास आते हैं जो आपसे सिर्फ यही नहीं खरीदते बल्कि कृषि से सम्बंधित अन्य जानकारियां भी जुटाते हैं। अतः आज के इस वैज्ञानिक दौर में आपसे आशा की जाती है कि आपके पास जो तकनीकी जानकारी है उस आधार पर बीज, खाद, दवाई आदि का व्यापर करें लेकिन जिसके बारे में आपको पता नहीं है उसके लिये आप किसान को अपने पास वाले व्यापारी, कृषि विज्ञान केन्द्र या कृषि विभाग आदि स्थानों पर भेजें जिससे किसानों में आपका विश्वास बढ़ेगा। आज आप एक किसान को जानकारी के लिये दूसरी जगह भेज रहे हैं लेकिन कल आपके पास एक के बदले चार किसान आयेंगें क्योकि उस क्षेत्र में आप की विश्वसनीयता बन रही है। अतः आप कमायें जरूर लेकिन नैतिकता के आधार पर। डॉ. यादव ने कहा कि आपको हमारे से भी ज्यादा मेहनत व पढाई करनी है जिससे आप डिप्लोमा की नैतिकता पर खरे उतरें।
श्री जीतेन्द्र सिंह शक्तावत ने कहा कि इस डिप्लोमा से आप किसानों के समस्याओं को समझते हुए उन्हें सही आदान व जानकारी उपलब्ध करवायेंगें जिससे आपको आर्थिक लाभ होगा वहीं किसानों की फसल लागत कम होने से उनकी आय में बढोत्तरी होगी। इस अवसर पर श्री माधो सिंह चम्पावत ने कहा कि दवाई कि मात्रा आवश्यक हो उतनी ही देनी चाहिये तथा मात्रा को धीरे-धीरे से बढ़ाएं साथ ही ये ध्यान रखें कि अत्यधिक जहरीली दवाई का प्रयोग शुरू में करें ताकि कीट व बिमारी नियंत्रण में किसानों को फायदा मिल सके। डॉ. डी. एस. भाटी ने कहा कि यह पाठ्यक्रम डीलरों के लिये महत्वपूर्ण है क्योंकि डीलर इसमें कृषि तकनीक से जुड़े हर पहलु के बारे में जान पायेंगें। इसलिए पूरे मनोयोग से पाठ्यक्रम को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करें। डॉ. ए.के. शुक्ल ने कहा कि किसानों को अच्छे एवं सही किस्म के बीज ही उपलब्ध कराने चाहियें।
कृषि विज्ञान केन्द्र अध्यक्ष डॉ. धीरज सिंह ने कहा कि आदान विक्रेताओं के लिये यहाँ पर संस्थागत प्रशिक्षण के साथ ही के.वि.के. फार्म पर लगी हुई 20-25 प्रदर्शन इकाइयों को समय-समय पर देख कर अपने तकनीकी ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं। अंत में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. महेंद्र चौधरी ने धन्यवाद पारित करते हुए उपस्थित मेहमानों तथा डीलरों को धन्यवाद दिया।