कृषि विज्ञान केंद्र ने 30 अगस्त को संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर पाली विधायक श्री ज्ञानचंद पारख, डॉ. ओ.पी. यादव, निदेशक (काजरी), डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक (अटारी, जोधपुर), डॉ. सूर्या राठौर, नार्म (हैदराबाद), डॉ. ए.के. शुक्ल, अध्यक्ष (आर.आर.एस., काजरी, पाली) एवं कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। इसमें पाली जिले के 80 गाँवों के 403 जागरूक किसानों ने भाग लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पाली के माननीय विधायक श्री ज्ञानचंद पारख ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने हेतु हमें 7 सूत्रों को एक साथ करना होगा। ये सूत्र हैं उत्पादन में वृद्धि, इनपुट का प्रभावी उपयोग, उपज के बाद नुकसान कम करना, गुणवत्ता में वृद्धि, प्रभावी विपणन, जोखिम में कमी तथा कृषि की सहायक गतिविधियां जैसे पशुपालन, डेरी विकास इत्यादि। उन्होंनें कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अन्तर्गत देश के हरेक किसान को उसकी जमीन का मृदा कार्ड वितरित किया जायेगा जिसमें उसके खेत की मिट्टी के समस्त तत्वों का विश्लेषण होगा तथा मृदा सुधारने के लिये आवश्यक सिफारिशें तथा उपयुक्त फसलोन की उन्नत किस्मों का विवरण होगा।
इस अवसर पर बोलते हुए काजरी, जोधपुर के निदेशक डॉ. ओ.पी. यादव ने कहा कि खेती हमारे ग्रामीण क्षेत्रों की एक महत्वपुर्ण गतिविधि है जो हमारे सकल घरेलू उत्पाद में करीब 1/6वां योगदान करती है तथा हमारी जनसंख्या का बड़ा हिस्सा अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर है। घटती मृदा स्वास्थ्य चिंता का विषय है तथा इसकी वजह से कृषि संसाधनों का अधिकतम उपयोग नहीं हो पा रहा है। उर्वरकोण का असंतुलित उपयोग, जैविक खादों के कम इस्तेमाल तथा पिछले कुछ वर्षों में घटते पौषक तत्वों की गैर प्रतिस्थापना के परिणामस्वरूप देश के कुछ भागों में पौषक तत्वों की कमी हुई है तथा मृदा उर्वरता निरंतर घट रही है। उन्होंनें कहा कि किसानों को किसानों को नई किस्में, नई तकनीक तथा अनुसंधान के द्वारा नवीन विधियाँ उपलब्ध कराने में काजरी हमेशा तत्पर रहा है तथा शुष्क क्षेत्र में आय दुगुना करने हेतु किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे चलेगा।
निदेशक अटारी, डॉ. एस.के. सिंह ने कहा कि देश भर में फैले हुए कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि की नवीनतम तकनीकी को दूरदराज के गाँवों में प्रसारित कर रहे हैं। किसान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान केन्द्रों पर उपलब्ध तकनीकी का केन्द्र पर आकर लाभ उठायें जिससे उनकी आमदनी को दुगुना करने में सहायता मिले।
कृषि विज्ञान केन्द्र अध्यक्ष में कहा की केन्द्र किसानों के लिये समय समय पर आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण, नवीनतम किस्मों के प्रदर्शन, बीज उत्पादन कार्यक्रम, किसानों की समस्या समाधान के लिये तथा विभिन्न प्रसार गतिविधियों का आयोजन करता है। अंत में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. महेंद्र चौधरी ने धन्यवाद पारित करते हुए उपस्थित मेहमानों तथा किसानों को धन्यवाद दिया।