अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व

डॉ. धीरज सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, पाली ने अफ्रीका में खाद्य सुरक्षा, एकीकृत परिदृश्य बहाली और जलवायु लचीलापन व गरीबी उन्मूलन के लिए वर्षा जल के उपयोग को बढ़ावा देना पर नैरोबी, केन्या में 1 से 2 फरवरी, 2017 को आयोजित उप-सहारा अफ्रीका में वर्षा का पानी स्मार्ट प्रबंधन पर संगोष्ठी में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस सम्मलेन में 25 देशों के 100 वैज्ञानिकों, जागरूक कृषक व उद्योगपतियों ने भाग लिया।

इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेने वाले भारत के एकमात्र वैज्ञानिक थे तथा इस सम्मलेन के दौरान डॉ. सिंह ने “खाद्य और आजीविका सुरक्षा के लिए वर्षा जल संचयनः पाली, भारत से एक मामले का अध्ययन“ विषय पर व्याख्यान देते हुआ बताया कि कैसे छोटे और सीमांत किसानों को फसल उत्पादन के लिए अपने खेत में वर्षा जल को संरक्षित करने का उचित प्रबन्ध कर किसान अपनी जीविका के लिये फल और सब्जी का अतिरिक्त उत्पादन कर सकते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि किसान वर्षा ऋतु में प्रत्येक वर्षा के बाद में खेत की समय पर जुताई कर वर्षा जल को लंबे समय तक खेत में बनाये रख सकता है। इसके लिये किसानों को जुताई करते समय खेत में उचित नमी का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिये ताकि खेत की मिट्टी ऊपर से भुरभुरी हो जाये और उसमें अंकुरण अच्छा हो तथा बाद की वानस्पतिक वृद्धि व उत्पादन भी अच्छा मिले। संरक्षित खेती में गेहूं, सरसों, चना, धनिया, अल्सालिया व मूली की खेती कर सकते हैं। जिन किसानों के पास में जमीन अधिक है तथा पानी बहाव भी अच्छा है उस पानी को खेत तलाई और टांका आदि बनाकर किसान इसे जीवन रक्षक सिंचाई के रूप में काम में ले सकते हैं या फिर इस पानी से बेर, निम्बू, गुन्दा, सहजन आदि के बाग बूंद-बूंद पद्धति पर लगाकर या फिर मौसमी सब्जियां जैसे खीरा, टमाटर, लौकी, मिर्च, धनिया आदि उगाकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर अपने जीवन स्तर को ऊँचा उठा सकते हैं।

डॉ. सिंह के रोहट पहुँचने पर मोरिया गाँव के जागरूक कृषकों ने डाबला में वर्षा जल से संरक्षित रबी फसल गेहूं के खेत में सभा का आयोजन किया जिसमें डॉ. सिंह को गांव के प्रगतिशील कृषक रामगिरी ने साफा बाँधकर व गोविन्द सिंह, तेजगिरी, राम सिंह, सवा राम आदि ने माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने अपने विदेश प्रवास के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि अपने यहाँ की खेती बहुत अच्छी है तथा उपलब्ध वर्षा जल का प्रभावी रूप से उपयोग कर अच्छा लाभ अर्जित कर अच्छा जीवन जी रहे हैं जबकि वहाँ के कृषक अभी भी परम्परागत कृषि को अपनाये हुए हैं। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, पाली का समस्त स्टाफ, गाँव के पटवारी भँवर सिंह, कृषि विभाग के अधिकारी चेना राम डाऊकिया सहित 70 किसानों ने भाग लिया।