किसान कल्याण कार्यशाला का काजरी- कृषि विज्ञान केंद्र, पाली पर २ मई २०१८ को आयोजन

 

दिनांक 2 मई 2018 को केन्द्रीय राज्य मंत्री विधि, न्याय व काॅर्पोरेट मंत्रालय श्रीमान पी.पी. चौधरी ने कृषि विज्ञान केन्द्र, पाली में किसान कल्याण कार्यशाला का विधिवत उद्वघाटन किया। इस अवसर पर कार्यशाला के मुख्य अथिति के रूप में बोलते हुए श्री पी.पी. चौधरी ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगना करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री जी ने रखा है। आय दुगना करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए किसान कल्याण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें किसान अपने कृषि ज्ञान को कृषि विज्ञान केन्द्र पर अपनायी जा रही उन्नत तकनीकों जैसे कि पानी के उचित उपयोग हेतु बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली, फव्वारा प्रणाली, कम पानी में उत्पादन देने वाले बेर, आंवला, नीबू के बगीचे, जैविक खेती, हाईटेक बागवानी, उन्नत नस्ल के पशुपालन, मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखते हुये अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए उन्नत तकनीक अपनायें। जैसे किसान गुजरात में कम पानी में अधिक खेती पर लाभ प्राप्त कर रहें हैं केन्द्रीय मंत्री श्री चौधरी ने कहा प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी नदियों को जोड़ने की योजना काम में लायी जा रही है। हम आने वाले समय में जवाई वांध व हेमावास का पुनभरण के लिए नदी से जोड़ने की योजना चल रही है जिससे पाली जिले के हर खेत को पानी मिले। किसानों को उत्पाद का विपणन मुल्य अच्छा मिले ऐसी सरकार की योजना है।

डाॅ. धीरज सिंह अध्यक्ष काजरी-कृषि विज्ञान केन्द्र, पाली ने जागरुक कृषकों को विकसित देशों में अपनायी जा रही उन्नत कृषि तकनीक का हवाला दिया कि इन देशों में बुवाई से कटाई तथा कटाई के उपरान्त सभी कार्य बडी-बडी मशीनों से किये जाते हैं। इसका कारण एक तो भूमि का जोत बड़ा होना व दूसरा कारण जनसंख्या कम होना है जबकि इसके विपरीत अपने देश में जनसंख्या बहुत है व कार्य करने वालों की कमी नही है। फसल बुवाई से पहले आकर हमें मृदा जांच के लिए प्रेरित करते हैं ताकि मृदा जांच के आधार पर खाद एवं उर्वरक प्रयोग कर लागत को कम किया जा सकता है।

श्री माधो सिंह, सहायक निदेशक (उद्यान) ने कहा कि केन्द्र पर पानी का उचित प्रयोग हेतु सिंचाई की प्रणालियां तथा बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा सिंचाई का प्रयोग कर विभिन्न फसलों की उत्पादकता लेना चाहते हैं ताकि कम पानी में भी अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर सहायक निदेशक कृषि विस्तार डाॅ. मनोज अग्रवाल ने कहा की कृषकों को खेती की नवीनतम जानकारी समय-समय पर उपलब्ध कराई जा रही है तथा श्री अग्रवाल ने किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारीयों से भी अवगत कराया। इस अवसर पर श्री मान मुख्य अतिथि द्वारा प्रगतिशील कृषकों को उन्नत तकनीकियों को अपनाने के लिये प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया तथा इसके साथ ही कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये। इस कार्यक्रम में पाली जिले के विभिन्न गांव जैसे-जबड़ीया, डींगई, जैतपुरा, रूपावास, हेमावास, बलदो की ढाणी, गुंदोज, गिरादरा, खेतावास, सापा, निम्बली, गोदावास, देसुरी, मांडावास, धोलेरिया, मंडिया, अरटिया, भाकरीवाला, खैरवा, कुरना, पुनायता, खारड़ा, गांजनगढ़, रामपुरा, व सोनाईमांझी के 145 प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. महेन्द्र चैधरी ने कृषकों को जैविक खेती के बारे में जानकारी दी और सभी को धन्यवाद दिया।